मन्दसौर । जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा बताया गया कि बच्चों का लैंगिक शोषण बहुत गंभीर अपराध है। लैंगिक अपराधो से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 में तहत प्रदान किया गया है। कानून के तहत लैंगिक शोषण करना अपराध माना गया है। बच्चों का लैंगिक शोषण करना या करवाना, लैंगिक शोषण का प्रयास करना या करवाना, अश्लील साहित्य हेतु बच्चों का उपयोग करना या करवाना। यह अपराध और ज्यादा गंभीर माना गया है। जब कि यह अपराध बच्चों के संरक्षक ( जैसे उनकी देखभाल करने वाले संस्था का कोई भी व्यक्ति, लोक सेवक, पुलिस बल या शैक्षणिक संस्था के व्यक्ति ) द्वारा किया जाता है, तो उसे आजीवन कारावास या कम से कम 10 वर्ष तक कैद हो सकती है। ऐसी घटनाओं को छुपाना या सूचना ना देना भी अपराध माना गया है और 6 माह से 1 वर्ष तक की कैद का भी प्रावधान है। ऐसी घटनाओं से बच्चों को बहुत मानसिक आघात पहुंचता है और व उम्र भर इस पीडा का सामना करते हैं, ऐसी घटनाओं को रोकने में मददगार बनें और निकटतम पुलिस थाने या 1098 पर सूचना दें।
बच्चों के लैंगिक शोषण की शिकायत 1098 पर करे